जितनी बार देखू तुझे उतनी बार तुझे पाने को मन करता है,
ख्वाब की तरह बिखर न जाये कहीं, थोडा दूर जाने को मन करता है |
एक अरसा हुआ तुझसे दूर गए, आज फिर मिले तो मचल जाने को मन करता है,
थका दिया तेरे इंतज़ार ने, अब तो तेरी गोद में सो जाने को मन करता है |
आ पास आ मेरे, अब तो बस तेरा हो जाने को मन करता है ||
- अविनाश