Think

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Friday, December 14, 2012

गलती



मेरी अच्छाई को तूने मेरी कमज़ोरी समझा,
मेरे प्यार को तूने मेरी मजबूरी समझा...
हाथ पकड़ा मैंने हर बुरे वक़्त तेरा,
पर हर परेशानी को तूने दूरी समझा ||

वापस लेता हूँ आज हर वादा तुझसे,
गलती मेरी थी जो तुझे उनके काबिल समझा...
नहीं है तू मुझसी न होने की हिम्मत है तुझमे,
गलती मेरी थी जो तुझे रूह में शामिल समझा ||


   -    अविनाश