मेरे पीछे नहीं मेरे
साथ चल, हर रास्ता हम खुद बनायेंगे |
इक मंजिल होगी तेरी
नज़र में, हर मंजिल को हम साथ पाएंगे ||
बड़ा ज़ालिम था वो
तूफ़ान जो कश्ती डुबो दी हमारी |
तेरा साथ है तो
साहिल हम तैर कर पाएंगे ||
मेरे पीछे नहीं मेरे
साथ चल, हर रास्ता हम खुद बनायेंगे J
- अविनाश