Think

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Saturday, July 7, 2012

मेरे पीछे नहीं मेरे साथ चल


मेरे पीछे नहीं मेरे साथ चल, हर रास्ता हम खुद बनायेंगे |
इक मंजिल होगी तेरी नज़र में, हर मंजिल को हम साथ पाएंगे ||

बड़ा ज़ालिम था वो तूफ़ान जो कश्ती डुबो दी हमारी |
तेरा साथ है तो साहिल हम तैर कर पाएंगे ||

मेरे पीछे नहीं मेरे साथ चल, हर रास्ता हम खुद बनायेंगे J


        -    अविनाश